की याद तो आज भी हो तुम मुझे, पर अब वो तुम्हारी यादों से नफ़रत है मुझे।
अब ख्वाब नहीं बुनता तुम्हारी नामों के साथ, अब तुम्हारी नामों से नफरत है मुझे।
की दूर क्यूं नहीं चली जाती इस यादों के आशयाने से , तुम्हारी इस यादों के आशयाने से नफ़रत है मुझे।
की मिटा दो वजूद तुम अपना या मेरा , कफन साथ लाया हूं,
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