की बात अधूरी सी रह गई थी।
थोड़ी सी बात पूरी पूरी करनी बाकी है।
एक मुलाकात तो कर लो।
गुनहगार कौन है अभी बताना बाकी है।
हम तो रोज़ जीते हैं आंखों से समंदर बहाकर की ज़िन्दगी।
एक रात मेरे पास तो ठहर जाओ, अभी तो उम्र सारी बाकी है।
की अब क्यूं पूछते हो घरी घरी की कैसे हो तुम।
तुम्हारी यादों के सहारे जी रहे हैं हम।
अभी यादों को दफन करना बाकी है।
अब तुम ये मत कहना हम भी तकिए भिगोते हैं , तुम्हारी यादों में।
अभी तो सैलाब आना बाकी है।
की क्या लिखूं इस टूटे दिल का एहसास।
सारी उम्र तुम्हारी यादों में जलना अभी बाकी है।
सोचता हूं मिटा दूं , तुम्हारी यादों के साथ खुद को मैं।
बस कफ़न ओढ़ना बाकी है।
आना हो तो जरा धीरे धीरे क़दमों से आना मेरे जनाजे पे।
कमबख दिल है , कहीं तुम्हारी क़दमों की आहट फिर से जगा ना जाए।
अभी तो दफन होना बाकी है।
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