सुनो ना अब ये ईश्क दुबारा नहीं होगा तुमसे।
याद बनकर रहोगी मेरे साथ साथ, पर अब तुम्हारा साथ कभी नहीं होगा।
तो, सुनो ना अब ये ईश्क तुमसे दुबारा नहीं होगा।
सुनो ना तुम्हरा इस मौसम की तरह यूं बदल जाना रास नहीं आया दिल को।
यूं बेबजह अकेला कर जाना सच में रास नहीं आया दिल को।
तो सुनो ना, जो तुम कहा करती थी कि मैं तुमसे बात किए बगैर पल भर भी नहीं रह सकती आज कैसे रह लेती हो।
कभी को कसमें खाया करती थी ज़िन्दगी तुम्हारे नाम की, क्या आज वही कसमें किसी और से कहती हो।
तो सनों ना अब ये ईश्क दुबारा नहीं होगा तुमसे।
और हां सुनो तो मैंने चारदीवारियों के अंदर खुद को कैद कर लिया हूं तुम्हारे यादों के साथ, काफी है खुद को रुलाने के लिए।
अब यूं बेवजह मोहब्बत का नाम नहीं लूंगा नफरत से हो गई है तुम्हारे नाम और इस मोहब्बत से।
चीखता चिल्लाता रहूंगा खुद पे, पर अब तुमसे बात करने का ज़िद कभी नहीं करूंगा ।
तो सुनो ना अब ये ईश्क तुमसे दुबारा कभी नहीं करूंगा।
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