खामोश....!
खामोश बस इसलिए हूं की मुझे खुद नहीं मालूम कि सामने वाले को मुझसे क्या चाहिए होता है।
एक मुस्कुराहट या कुछ समय के लिए खामोशी।
अगर वो मुस्कुरा दे तो मैं वी बनावटी मुस्कुराहट बनाकर मुस्कुरा देता हूं ।
नहीं तो बस खामोश रह जाता हूं।
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खामोश....!
खामोश बस इसलिए हूं की मुझे खुद नहीं मालूम कि सामने वाले को मुझसे क्या चाहिए होता है।
एक मुस्कुराहट या कुछ समय के लिए खामोशी।
अगर वो मुस्कुरा दे तो मैं वी बनावटी मुस्कुराहट बनाकर मुस्कुरा देता हूं ।
नहीं तो बस खामोश रह जाता हूं।
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