एक अजनबी से मिला कमाल की बाते हुई..।
बातो ही बातो में वो पूछ बैठा यार तुम्हे कभी अकेलापन महसूस नहीं होता
बहुत अच्छा सवाल था पर पर थोड़े मस्किल ।
मैंने मुस्कुराया और मुस्कुराते हुए जवाब दिया
यार अपनापन मुझे किसी से किसी वक़्त महसूस ही नहीं हुआ और अकेलापन कभी खलती नहीं ।
वो वी कमाल का बंदा था।
बातो बातो में वो मुझे बहुत कुछ सीखा गया ।
हालांकि देखा जाए तो अकेलापन तो वो महसूस करते होंगे जो कफ़न में लिपट कर कब्रो में दफन हैं।
वो इसलिए क्युकी उनके पास लोग तो जाते हैं फूल लेकर चढ़ाबा करने और लोग बाते वी करते हैं उनसे और एक वो है जो चाह कर वी बाते नहीं कर पाते तो हुआ ना अकेलापन ।
हम कैसे अकेले हैं और क्यों फील करे अकेलेपन को।
माना कि ना कोई मेरा अपना है और ना मै किसी का।
चलो वक़्त रहते उस अजनबी ने ये तो बता दिया कि अपने का होना क्यों जरूरी है .।
पर मै कल वी खुश था और आज वी हूं और आगे वी रहूंगा शायद ।
क्या हुआ कोई अपना नहीं है तो अपना सोच तो अपने पास है एक हकीकत ज़िन्दगी जो हर पल अपने तो साथ हैं।
मैं और मेरी ज़िन्दगी हर सुबह यही सोच कर आगे बढ़ने की कोशिश करता हूं और शायद इसलिए बहुत खुश रहता हूं।
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