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ये जिंदगी है

की जिंदगी है , परदे डालूं या कुछ हकीकत बताऊं। बताओ तो सही जिंदगी के किस राज को बताऊं। डरता हूं कहीं कोई मुझे अपना ना कह दे । हकीकत का बात बताता हूं , दो वक्त के लिए सफेद चादर क्या ओढ़ लिया मैने। कमबख्त जिनसे आजतक रूबरू भी नही हुए थे , वो भी कह गए अच्छे इंसान थे।