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आपका प्यार

कया कहूं मैं , मैंने ईश्क की हदें पार कर दी है। खुले रखा डायरी अपनी कुछ पलों के लिए तो मेरे ही अल्फ़ाज़ मुझसे कहते हैं बस लिखता रहेगा या कभी उन्हें सुनाएगा भी। तो आपके लिए दो पंक्तियां ,  मैंने तो अपनी ईश्क की हदें पार कर दिया, लोग कहते हैं हो जाते है पागल ईश्क में। पर मैंने तो आपकी तस्वीर दिखा के चांद को भी परदा करना सीखा दिया । फूलों को भी शर्माती हुई तस्वीर दिखा के शर्माना सीखा दिया। अब जो बचा बदल जब भी आपकी काजरारी आंखो की बात करता हूं तो, उसको भी बरसना सीखा दिया। बहुत गुमान था उसको वो आसमान के टिमटिमाते तारों का मैंने आपकी मुस्कुराहट दिखा के उसको भी हसना सीखा दिया। क्या कहें गजब की आदा है आपकी मैंने तो पड़ियों से सुना है, आपकी खूबसूरती के बारे में। आपकी खूबसूरती ने तो उसको भी आदाएं सीखा गया।