घर समझ आने लगा । परिवार समझ आने लगा। जब छोड़ गए हम समंदर का किनारा दूर कहीं समंदर के लहरों में खो गए। तो किनारा समझ आने लगा। आंखे भर आई आज मेरी भी उनकी भी जब दरवाजे से अलविदा कहने का वक़्त आने लगा। चलो अब चैन नहीं इन आंखों को अब फिर से रुला कोई मुझे जाने लगा। देखो अब घर और परिवार समझ आने लगा। वो खुद पैरों में छाले लेकर मुझे कंधो पे घुमाने चला। खुद धूप में खड़ा मुझे छावों में रखता रहा ये देखकर मुझे एक परिवार और एक घर का समझ आने लगा। हां मुझे समझ आने लगा।
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